साहेबगंज (डेस्क) कोविड - 19 कोरोना महामारी से देश ही नहीं पूरा विश्व त्रस्त है कहते हैं महामारी जब आती है तो कभी अकेले नहीं आती अपने साथ और भी कई मुसीबत ले कर आती है, पिछले साल से पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेने के बाद से अब तक इसका प्रकोप खत्म नहीं हुआ है हालांकि बीच के कुछ महीनों में इसका असर कुछ कम जरूर हुआ था पर अब वापस इसका तेजी से फैलना चिंता जनक है।
इसकी रोकथाम के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए है जिससे एक हद तक इसपर लगाम लगाई जा सकी है जिसमे सबसे महत्वपूर्ण कदम "लॉकडाउन" रहा ये अलग बात है के इस लॉकडाउन की वजह से पूरे विश्व को पलायन, बेरोजगारी और मंदी जैसी कई अन्य विपदाओं का सामना करना पड़ा है पर असल चिंता अब भविष्य को लेकर हो रही है क्योंकि पिछले एक साल से बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है ऐसे में हर माता पिता की अपने बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य की चिंता सही भी है।
इधर कुछ दिनों से फिर से मामले बढ़ने से फिक्र का माहोल बना हुआ है सरकार इसे काबू में करने के लिए हर तरह के उपाय कर रही है चाहे वो लोगों को जागरूक करना हो या फिर टीकाकरण हो, अब लोगों की चिंता का विषय है के कहीं फिर से "लॉकडाउन" न लग जाए अगर ऐसा होता है तो विश्व एक गहरे संकट में पड़ जाएगा खास कर दिहारी कमाने वाला मजदूर वर्ग साथ ही मध्यम वर्ग के लिए भी इसका सामना करना कठिन होगा।
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