अमेरिका कैलिफोर्निया से संस्था की सदस्य मंजु शर्मा हुई शामिल।
अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था के
झारखंड शाखा की ओर से देश विदेश के कोने-कोने से आए विभिन्न साहित्यिक विधाओं के साथ एक भजन संध्या सह काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें झारखंड सहित देश की सम्पूर्ण भागों के साहित्यकारों ने अपनी गरिमामयी प्रस्तुति दी।
दरअसल साहित्य की सेवा के उद्देश्य से इस कोरोना संक्रमण काल से गुजर रही इस कालखंड में जहाँ समस्त मानव जाति त्रस्त हैं, वहीं अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह अपने विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास करते हुए कोरोना वारियर्स को सांत्वना देने व संक्रमण के दुख को भूलने हेतु ऑनलाइन भजन संध्या कार्यक्रम कार्यक्रम की शुरुआत की है और इसी क्रम में झारखंड शाखा अपने दायित्व का निर्वहन कर रही थी।इसी उद्देश्य से गुरुवार संध्या 5 बजे भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कैलिफोर्निया अमेरिका से मंजु शर्मा की रिपोर्ट :
कार्यक्रम की शुरुआत बंगलोर की अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह की संस्थापक अध्यक्षा डाॅ इन्दु झूनझूनवाला के द्वारा मंत्रोचार के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए प्रो सुबोध कुमार झा ने स्वरचित सरस्वती वंदना ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। और फिर उन्होंने मंच संचालन की अनुठी शैली प्रस्तुत कर सबके लिए चार चार पंक्तियाँ अभिवादन के लिए कहते हुए बारी बारी से सभी साहित्यकारों को मंच पर काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश के युवा कवि विकास द्विवेदी जो साहित्यिक मंच के संस्थापक भी हैं ने माँ भारती पर बहुत हीं सुन्दर प्रस्तुति दी। साहेबगंज से मुकेश मिश्रा ने हारमोनियम के साथ श्रीराम का भजन तथा उनके भाई ने ढ़ोल पर संगत कर शमा बांध दिया। नागपुर महाराष्ट्र से कुमकुम सिंह तथा बंगलोर से ब्रजेन्द्र मिश्रा ने क्रमशः दुर्गा माता तथा श्री कृष्ण पर आधारित भजन गाकर अपनी प्रस्तुति दी।आसनसोल पश्चिम बंगाल के अवधेश कुमार अवधेश ने द्रोपदी चीर-हरण, बंगलोर से ज्योति तिवारी तथा पल्लवी शर्मा ने अम्बे माँ तथा 'रख प्रभु पे विश्वास' के द्वारा श्रोता को प्रभावित किया। बरहरवा की ऊषा भारती सुमन जिसके नाम की घोषणा अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह झारखंड शाखा की सचिव के लिए किया गया ने प्रकृति प्रेम पर आधारित स्वरचित रचना का वाचन कर अपनी लेखनी व वाणी की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहीं। गोड्डा की अर्पणा कुमारी ने "मुरली बजाके कान्हा " कव्वाली से सबका मन मोह लिया। हरियाणा की मंजू तंवर ने यशोदा माँ पर तथा मुम्बई से शोभा पाठक ने साईं बाबा ,कोलकाता से ऊषा पाण्डेय ने बाबा तेरे दरबार में तथा ऊषा जैन ने चुनरिया हो गई मैली भजन गाकर अपनी प्रस्तुति दी। सबसे अंतिम प्रस्तुति झारखंड साहेबगंज के भगवती रंजन पाण्डेय की रही जिन्होंने अपने सुन्दर गीत "राधा बोली सब सखियन" गाकर अपने संचालन विधा से अलग अपनी संगीत का भी हुनर दिखाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विभाग संघचालक विजय कुमार भारती जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थित उपस्थिति दर्ज की । कार्यक्रम का समापन डाॅ इन्दु झूनझूनवाला के भजन व सभी साहित्यकारों का आभार प्रकट कर हुआ। लगभग दो घंटे के कार्यक्रम में साहित्यिक सम्पूर्ण विधाओं का सभी साहित्यकारों ने प्रस्तुति देकर भारतीय साहित्य व संस्कृति व जीवन दर्शन को दिखाने की भरपूर कोशिश की। अमेरिका कैलिफोर्निया से संस्था के सदस्य मंजु शर्मा लगातार कार्यक्रम में बनी रहीं। इस कोरोना संक्रमण काल में इस प्रकार के आभाषी कार्यक्रम से साहित्य की सेवा कर रहे साहित्यकार व पत्रकार बन्धू सराहना के पात्र हैं।