शनिवार, 5 जून 2021

पर्यावरण दिवस पर किया वृक्षा रोपण।


साहिबगंज: भारत माता न्यास के केंद्रीय अध्यक्ष  सुनील शर्मा द्वारा चलाए जा रहे "पीपल का पेड़ लगाओ" अभियान के अंतर्गत पीपल का पौधा लगाने का संकल्प पिछली 30 जून को उनके द्वारा लिया गया था उसी अभियान के साथ आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुनील शर्मा ने साहिबगंज सदर अस्पताल के प्रांगण और सूर्या नर्सिंग हॉल के मालिक डॉक्टर विजय के द्वारा इस अभियान को आगे बढ़ते हुए उनके द्वारा शोभन पुर भट्टा के पास जहां नर्सिंग मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा स्थित पीपल के पेड़ को लगाया गया

मौके पर सदर अस्पताल भारत माता के केन्द्रीय अध्यक्ष सुनील शर्मा, अंतरराष्ट्रीय मूर्ति कर अमृत प्रकाश ,सदर अस्पताल के चिकित्सक, नर्सेस व अन्य लोग मौजूद थे

शुक्रवार, 4 जून 2021

तमिलनाडु से वापस लाई गई महिला श्रमिक

लॉकडाउन के कारण थी फंसी हुई

दुमका: जिले की 36 महिला श्रमिकों को आज तमिलनाडु से वापस दुमका प्रशासन और राज्य सरकार के सहयोग से वापस लाया गया, ये सभी महिला श्रमिक कुछ महीने पहले ही रोजगार की तलाश में तमिलनाडु के तिरुपपुर जिले में एक फैक्ट्री में काम करती थी मगर देश में लगे इस आंशिक लॉकडाउन की वजह से उनका काम बंद हो गया और तब से ये सभी वापस आने की कोशिश कर रही थी, मगर सूत्रों के अनुसार उक्त कंपनी ने इन सभी महिला श्रमिकों का आईडी कार्ड अपने पास रखे हुए थी जिसे देने से मना कर रही थी साथ ही इनकी तनख्वाह भी इन्हे नही दी जा रही थी और इनकी वापसी के लिए भी कंपनी द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था जिसके बाद से ही ये सभी महिला श्रमिक लगातार वापसी के लिए संघर्ष कर रही थी इसी क्रम में इन सभी महिला श्रमिकों ने एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से सहायता की अपील की जिसके बाद इस एनजीओ ने मामले की छान बीन की और इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन, उपायुक्त और राज्य सरकार को दी जिसके बाद सभी की पहल पर इन्हे तमिलनाडु से ट्रेन के रास्ते धनबाद तक लाया गया और फिर धनबाद से सड़क मार्ग से इन लोगों को दुमका तक लाया गया है। मगर ये इतना आसान नहीं था इसके लिए दुमका प्रशासन को तिरुपपुर के प्रशासन का सहयोग भी लेना पड़ा क्योंकि कंपनी द्वारा इन महिला श्रमिकों को छोड़ा नही जा रहा था। अब इन सभी महिला श्रमिकों की कोविड संबंधित जांच की जाएगी जिसके बाद इन सबको सात दिनों के लिए कोरेंटाइन में रखा जाएगा उसके बाद फिर इनकी जांच की जाएगी और जिनको किसी तरह की समस्या नहीं होंगी उन्हे उनके घर तक पहुंचा दिया जाएगा।

अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह के झारखंड शाखा द्वारा काव्य संगोष्ठी का आयोजन

 अमेरिका कैलिफोर्निया से संस्था की सदस्य मंजु शर्मा हुई शामिल।

अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था के

झारखंड शाखा की ओर से देश विदेश के कोने-कोने से आए विभिन्न साहित्यिक विधाओं के साथ एक भजन संध्या सह काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें झारखंड सहित देश की सम्पूर्ण भागों के साहित्यकारों ने अपनी गरिमामयी प्रस्तुति दी। 

दरअसल साहित्य की सेवा के उद्देश्य से इस कोरोना संक्रमण काल से गुजर रही इस कालखंड में जहाँ  समस्त मानव जाति त्रस्त हैं, वहीं अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह अपने विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास करते हुए कोरोना वारियर्स को सांत्वना देने व संक्रमण के दुख को भूलने हेतु ऑनलाइन भजन संध्या कार्यक्रम कार्यक्रम की शुरुआत की है और इसी क्रम में झारखंड शाखा अपने दायित्व का निर्वहन कर रही थी।इसी उद्देश्य से गुरुवार संध्या 5 बजे भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

    कैलिफोर्निया अमेरिका से मंजु शर्मा की रिपोर्ट  :

कार्यक्रम की शुरुआत बंगलोर की अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह की संस्थापक अध्यक्षा डाॅ इन्दु झूनझूनवाला के द्वारा मंत्रोचार के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए प्रो सुबोध कुमार झा ने स्वरचित  सरस्वती वंदना ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। और फिर उन्होंने मंच संचालन की अनुठी शैली प्रस्तुत कर सबके लिए चार चार पंक्तियाँ अभिवादन के लिए कहते हुए बारी बारी से सभी साहित्यकारों को मंच पर काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया। उत्तर प्रदेश के युवा कवि विकास द्विवेदी जो साहित्यिक मंच के संस्थापक भी हैं ने माँ भारती पर बहुत हीं सुन्दर प्रस्तुति दी। साहेबगंज से मुकेश मिश्रा ने हारमोनियम के साथ श्रीराम का भजन तथा उनके भाई ने ढ़ोल पर संगत कर शमा बांध दिया। नागपुर महाराष्ट्र से कुमकुम सिंह तथा बंगलोर से ब्रजेन्द्र मिश्रा ने क्रमशः दुर्गा माता तथा श्री कृष्ण पर आधारित भजन गाकर अपनी प्रस्तुति दी।आसनसोल पश्चिम बंगाल के अवधेश कुमार अवधेश ने द्रोपदी चीर-हरण, बंगलोर से ज्योति तिवारी तथा पल्लवी शर्मा ने अम्बे माँ तथा 'रख प्रभु पे विश्वास' के द्वारा श्रोता को प्रभावित किया। बरहरवा की ऊषा भारती सुमन जिसके नाम की घोषणा अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय समुह झारखंड शाखा की सचिव के लिए किया गया ने प्रकृति प्रेम पर आधारित स्वरचित रचना का वाचन कर अपनी लेखनी व वाणी की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहीं। गोड्डा की अर्पणा कुमारी ने "मुरली बजाके कान्हा " कव्वाली से सबका मन मोह लिया। हरियाणा की मंजू तंवर ने यशोदा माँ पर तथा मुम्बई से शोभा पाठक ने साईं बाबा ,कोलकाता से ऊषा पाण्डेय ने बाबा तेरे दरबार में तथा ऊषा जैन ने चुनरिया हो गई मैली भजन गाकर अपनी प्रस्तुति दी। सबसे अंतिम प्रस्तुति झारखंड  साहेबगंज के भगवती रंजन पाण्डेय की रही जिन्होंने अपने सुन्दर गीत "राधा बोली सब सखियन" गाकर अपने संचालन विधा से अलग अपनी संगीत का भी हुनर दिखाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विभाग संघचालक विजय कुमार भारती जी ने अपनी गरिमामयी  उपस्थित उपस्थिति दर्ज की । कार्यक्रम का समापन डाॅ इन्दु झूनझूनवाला के भजन व सभी साहित्यकारों का आभार प्रकट कर हुआ। लगभग दो घंटे के कार्यक्रम में साहित्यिक सम्पूर्ण विधाओं का सभी साहित्यकारों ने प्रस्तुति देकर भारतीय साहित्य व संस्कृति व जीवन दर्शन को दिखाने की भरपूर कोशिश की। अमेरिका कैलिफोर्निया से संस्था के सदस्य मंजु शर्मा लगातार कार्यक्रम में बनी रहीं। इस कोरोना संक्रमण काल में इस प्रकार के आभाषी  कार्यक्रम से साहित्य की सेवा कर रहे साहित्यकार व पत्रकार बन्धू सराहना के पात्र हैं।

मंगलवार, 1 जून 2021

न पीने को पानी है और न चलने को सड़क, जनप्रतिनिधियों को वोट से है मतलब।

दुमक: गोपीकांदर प्रखंड से करीब 12 किलोमीटर और गोपीकांदर खरौनी मुख्य मार्ग में रोलडीह से सिर्फ 7 किलोमीटर की दुरी पर एक गांव है जिसे पहाड़िया आदिमजनजाति और संताल आदिवासी बाहुल्य गांव के रूप में जाना जाता है दो मुहल्लों और 50 घरों के इस गांव का नाम अमरपानी है मगर अफसोस इस बात का है की इस आदिमजनजाति और संताल आदिवासी बाहुल्य गांव में अब तक सभी बुनियादी सुविधाएं भी नही पहुंच पाई है इन दोनो गांवो में अब तक न तो पीने के पानी की सुवधा है और न ही चलने को अच्छी सड़क ही है, और अफसोस इस बात का है की इनकी सुध लेने वाला भी कोई नही है नेता हैं जिन्हे वोट से मतलब है वो बस चुनाव के समय ही गांव में दिखते है और प्रशासन को शायद फुरसत नहीं है इन गांव वालों की मुश्किलों को हल करने की शायद इसीलिए टेंगजोर पंचायत के अन्तर्गत पड़ने वाला यह गांव अब तक सड़क मार्ग से नही जुड़ा हुआ है. और करीब तीन किलोमीटर तक कच्ची और उबड़-खाबड़ रास्ता से इस गांव में पहुंचा जा सकता है. बता दें की इस गांव में करीब 50 घर है और पहाड़िया और संताल नाम के दो टोला है. जिनकी दूरी करीब आधा किलोमीटर है. पहाड़िया टोला में एक सोलर टंकी और एक चापाकल है. ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल लगभग पिछले आठ वर्षो से ख़राब है और सोलर टंकी 20/30 मिनट तक ही चलती है उसके बाद इस टंकी का पानी ख़त्म हो जाता है और यहां के लोगों को प्रयाप्त मात्र में पानी नही मिल पाता है जिसके लिए संताल टोला के ग्रामीणों को करीब आधा किलोमीटर से और पहाड़िया टोला के ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर की दुरी से इस उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलते हुए डोभा का पानी पीने के लिय लाना पड़ता है. संताल टोला के ग्रामीणों का कहना है कि वे सदियों से ही डोभा का पानी पीते आये है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्हें चापानल का पानी पिए हुए आठ साल गुजर चुके है और ये चापानल भी उन्हे सिर्फ एक साल को ही नसीब हुई थी, उस एक साल के बाद और उसके पहले गुजरे सालों में इन गांव के ग्रामीणों ने अपना गुजारा डोभा के पानी से ही किया है।
 यहां तक कि पीने के लिए भी ग्रामीण इसी डोभा पर निर्भर है और प्रत्येक दिन इतनी दूरी का रास्ता तय कर करते हैं।
मगर सबसे गंभीर बात यह है की मामले को ले कर ग्रामीणों का कहना है कि डोभा का पानी पीने के लिए पूरी तरफ से साफ नही होता है हम अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पानी को साफ करते हैं मगर फिर भी पानी पूरी तरह से साफ नही हो पाता है और मजबूरी में हमे प्रदूषित पानी जी पीना पड़ता है और इस प्रदूषित पानी पीने से गांव में अनेक तरह की बीमारियाँ होने की संभवना बना रहती है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव के सड़क मार्ग से नही जुड़ा होने के कारण ग्रामीणों और मरीजों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जन प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही याद करते है, उनके कार्यकर्ता गांव में आते है और यह आश्वासन देते है कि अबकी बार वोट दिजिये गांव में चापाकल लग जाएगी और जितने के बाद कोई भी काम नही करते है. ग्रामीण यह भी कहते है कि हमलोगों की सुध लेने के लिय कभी भी इस क्षेत्र के विधायक और सांसद गांव नही आये है. उसके साथ साथ ब्लॉक से भी कोई बड़े अधिकारी नही आये है. ग्रामीणों की अपने जन प्रतिनिधि, प्रशासन और सरकार से मांग है कि गांव के दोनों टोला में दो-दो पाताल बोरिंग किया जाय, संताल टोला में सोलर टंकी दिया जाय और गांव को पक्की सड़क से जोड़ा जाय. इस मौके में लिलमुनी हेम्ब्रोम,सोनती मरांडी,पार्वती मुर्मू,चुड़की सोरेन,रानी मुर्मू,सामुएल टुडू,शिबू टुडू,साकाल टुडू,अमिन किस्कू,होपना टुडू,सिनान किस्कू,बाबुराम टुडू आदि उपस्थित थे.