दुमक: गोपीकांदर प्रखंड से करीब 12 किलोमीटर और गोपीकांदर खरौनी मुख्य मार्ग में रोलडीह से सिर्फ 7 किलोमीटर की दुरी पर एक गांव है जिसे पहाड़िया आदिमजनजाति और संताल आदिवासी बाहुल्य गांव के रूप में जाना जाता है दो मुहल्लों और 50 घरों के इस गांव का नाम अमरपानी है मगर अफसोस इस बात का है की इस आदिमजनजाति और संताल आदिवासी बाहुल्य गांव में अब तक सभी बुनियादी सुविधाएं भी नही पहुंच पाई है इन दोनो गांवो में अब तक न तो पीने के पानी की सुवधा है और न ही चलने को अच्छी सड़क ही है, और अफसोस इस बात का है की इनकी सुध लेने वाला भी कोई नही है नेता हैं जिन्हे वोट से मतलब है वो बस चुनाव के समय ही गांव में दिखते है और प्रशासन को शायद फुरसत नहीं है इन गांव वालों की मुश्किलों को हल करने की शायद इसीलिए टेंगजोर पंचायत के अन्तर्गत पड़ने वाला यह गांव अब तक सड़क मार्ग से नही जुड़ा हुआ है. और करीब तीन किलोमीटर तक कच्ची और उबड़-खाबड़ रास्ता से इस गांव में पहुंचा जा सकता है. बता दें की इस गांव में करीब 50 घर है और पहाड़िया और संताल नाम के दो टोला है. जिनकी दूरी करीब आधा किलोमीटर है. पहाड़िया टोला में एक सोलर टंकी और एक चापाकल है. ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल लगभग पिछले आठ वर्षो से ख़राब है और सोलर टंकी 20/30 मिनट तक ही चलती है उसके बाद इस टंकी का पानी ख़त्म हो जाता है और यहां के लोगों को प्रयाप्त मात्र में पानी नही मिल पाता है जिसके लिए संताल टोला के ग्रामीणों को करीब आधा किलोमीटर से और पहाड़िया टोला के ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर की दुरी से इस उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलते हुए डोभा का पानी पीने के लिय लाना पड़ता है. संताल टोला के ग्रामीणों का कहना है कि वे सदियों से ही डोभा का पानी पीते आये है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्हें चापानल का पानी पिए हुए आठ साल गुजर चुके है और ये चापानल भी उन्हे सिर्फ एक साल को ही नसीब हुई थी, उस एक साल के बाद और उसके पहले गुजरे सालों में इन गांव के ग्रामीणों ने अपना गुजारा डोभा के पानी से ही किया है।
यहां तक कि पीने के लिए भी ग्रामीण इसी डोभा पर निर्भर है और प्रत्येक दिन इतनी दूरी का रास्ता तय कर करते हैं।
मगर सबसे गंभीर बात यह है की मामले को ले कर ग्रामीणों का कहना है कि डोभा का पानी पीने के लिए पूरी तरफ से साफ नही होता है हम अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पानी को साफ करते हैं मगर फिर भी पानी पूरी तरह से साफ नही हो पाता है और मजबूरी में हमे प्रदूषित पानी जी पीना पड़ता है और इस प्रदूषित पानी पीने से गांव में अनेक तरह की बीमारियाँ होने की संभवना बना रहती है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव के सड़क मार्ग से नही जुड़ा होने के कारण ग्रामीणों और मरीजों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जन प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही याद करते है, उनके कार्यकर्ता गांव में आते है और यह आश्वासन देते है कि अबकी बार वोट दिजिये गांव में चापाकल लग जाएगी और जितने के बाद कोई भी काम नही करते है. ग्रामीण यह भी कहते है कि हमलोगों की सुध लेने के लिय कभी भी इस क्षेत्र के विधायक और सांसद गांव नही आये है. उसके साथ साथ ब्लॉक से भी कोई बड़े अधिकारी नही आये है. ग्रामीणों की अपने जन प्रतिनिधि, प्रशासन और सरकार से मांग है कि गांव के दोनों टोला में दो-दो पाताल बोरिंग किया जाय, संताल टोला में सोलर टंकी दिया जाय और गांव को पक्की सड़क से जोड़ा जाय. इस मौके में लिलमुनी हेम्ब्रोम,सोनती मरांडी,पार्वती मुर्मू,चुड़की सोरेन,रानी मुर्मू,सामुएल टुडू,शिबू टुडू,साकाल टुडू,अमिन किस्कू,होपना टुडू,सिनान किस्कू,बाबुराम टुडू आदि उपस्थित थे.
यहां तक कि पीने के लिए भी ग्रामीण इसी डोभा पर निर्भर है और प्रत्येक दिन इतनी दूरी का रास्ता तय कर करते हैं।
मगर सबसे गंभीर बात यह है की मामले को ले कर ग्रामीणों का कहना है कि डोभा का पानी पीने के लिए पूरी तरफ से साफ नही होता है हम अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पानी को साफ करते हैं मगर फिर भी पानी पूरी तरह से साफ नही हो पाता है और मजबूरी में हमे प्रदूषित पानी जी पीना पड़ता है और इस प्रदूषित पानी पीने से गांव में अनेक तरह की बीमारियाँ होने की संभवना बना रहती है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गांव के सड़क मार्ग से नही जुड़ा होने के कारण ग्रामीणों और मरीजों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जन प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही याद करते है, उनके कार्यकर्ता गांव में आते है और यह आश्वासन देते है कि अबकी बार वोट दिजिये गांव में चापाकल लग जाएगी और जितने के बाद कोई भी काम नही करते है. ग्रामीण यह भी कहते है कि हमलोगों की सुध लेने के लिय कभी भी इस क्षेत्र के विधायक और सांसद गांव नही आये है. उसके साथ साथ ब्लॉक से भी कोई बड़े अधिकारी नही आये है. ग्रामीणों की अपने जन प्रतिनिधि, प्रशासन और सरकार से मांग है कि गांव के दोनों टोला में दो-दो पाताल बोरिंग किया जाय, संताल टोला में सोलर टंकी दिया जाय और गांव को पक्की सड़क से जोड़ा जाय. इस मौके में लिलमुनी हेम्ब्रोम,सोनती मरांडी,पार्वती मुर्मू,चुड़की सोरेन,रानी मुर्मू,सामुएल टुडू,शिबू टुडू,साकाल टुडू,अमिन किस्कू,होपना टुडू,सिनान किस्कू,बाबुराम टुडू आदि उपस्थित थे.
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