गोड्डा: जिले में तस्करी एक काम नहीं अब उद्योग बन गया है और कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग इस उद्योग का संचालन बड़े पैमाने पर करते हैं बस इसका रूप जगह और अवश्यकता के अनुरूप बदलता रहता है, अब झारखंड के गोड्डा जिले में तस्करी करने लायक जो चीज है वो पत्थर और बालू है और इसकी तस्करी काफी बड़े पैमाने परहो रही है। और इसके लिए गोड्डा जिले से गुजरने वाली सड़कों का उपयोग इस जिले में तस्करों के लिए उपयुक्त रास्ता बनी हुई है इन पत्थरों और बालू की तस्करी के लिए यहां इस रास्ते से आए दिन पत्थर और बालू तस्करों द्वारा तस्करी को अंजाम दिया जाता है ऐसा नहीं हो सकता की इसकी खबर सरकार और प्रशासन को न हो पर मामले में दोनों ही लाचार दिख रहें हैं वरना सख्ती की गई होती तो कब का ये उद्योग बंद हो चुका होता, एक लंबे अरसे से चल रहे इस उद्योग से राजस्व का भी नुकसान हो रहा है पर कुछ जेबें भी गर्म होती है।तभी ये तस्कर रात के अंधेरे और दिन के उजाले में भी बिना किसी वैध दस्तावेज के बड़े बड़े वाहनों पर गैर कानूनी तरीके से पत्थर और बालू लाद कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं।
समय समय पर संबंधित विभाग के उच्चस्तरीय पदाधिकारियों द्वारा इन पर करवाई भी की जाती रही है इसी क्रम में कल देर शाम मेहरमा में अनुमंडल पदाधिकारी, माइनिंग अधिकार्रियों और स्थानीय थाने के अधिकारियों ने मिल कर 8 ऐसे वाहनों को जब्त किया जो बिना किसी वैध कागजातों के गैर कानूनी तरीके से पत्थर और बालू की तस्करी का काम कर रहे थे, जब्त किए सभी वाहन ओवरलोड थे, फिलहाल आगे की करवाई के लिए इन वाहनों को जब्त कर मेहरमा थाने लाया गया है।
पर सवाल अब भी वही है की स्थानीय प्रशासन इन तस्करों पर पूरी तरह लगाम क्यूं नही लगता है? जबकि की ये लोग सारे आम इस तरह के गैर कानूनी काम को अंजाम दे रहे हैं और राजस्व का भी इससे बड़ा नुकसान हो रहा है।
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